यह शहर अनजान सा लगने लगा है तू नहीं तो बेगाना सा लगने लगा है । यह शहर अनजान सा लगने लगा है तू नहीं तो बेगाना सा लगने लगा है ।
ये रिश्ता ही कुछ ऐसा है, इस रिश्ते का कोई मोल नहीं...! ये रिश्ता ही कुछ ऐसा है, इस रिश्ते का कोई मोल नहीं...!
तेरा मेरा कुछ ऐसा साथ है, कड़वाहट के स्वाद में, जलेबी सा तेरा साथ है, तेरा मेरा कुछ ऐसा साथ है, कड़वाहट के स्वाद में, जलेबी सा तेरा साथ है,
उसकी हल्की सी मुस्कान मेरे जख्में दिल की दवा बन गयी! उसकी हल्की सी मुस्कान मेरे जख्में दिल की दवा बन गयी!
भाई रूठ जाए कभी तो मैं माना लूं, उसे हंसा कर उसके दुख मिटा दूं! भाई रूठ जाए कभी तो मैं माना लूं, उसे हंसा कर उसके दुख मिटा दूं!
ना कभी तू मुझसे रूठना, ना कभी इस प्यार को तुम भूलना! ना कभी तू मुझसे रूठना, ना कभी इस प्यार को तुम भूलना!